shiv chalisa lyrics in marathi - An Overview
shiv chalisa lyrics in marathi - An Overview
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अर्थ- जो कोई भी धूप, दीप, नैवेद्य चढाकर भगवान शंकर के सामने इस पाठ को सुनाता है, भगवान भोलेनाथ उसके जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश करते हैं। अंतकाल में भगवान शिव के धाम शिवपुर अर्थात स्वर्ग की प्राप्ति होती है, उसे मोक्ष मिलता है। अयोध्यादास को प्रभु आपकी आस है, आप तो सबकुछ जानते हैं, इसलिए हमारे सारे दुख दूर करो भगवन।
शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है, जानिए यहां भस्म आरती के राज
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
तज्ञमज्ञान – पाथोधि – घटसंभवं, सर्वगं, सर्वसौभाग्यमूलं ।
महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।।
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो । यहि अवसर मोहि आन उबारो ॥
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान ।
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी । क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥
दुष्ट सकल नित मोहि here सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
शिवाष्टक स्तोत्र का पाठ करने के फायदे
मुदामाकरं मण्डनं मण्डयन्तं महामण्डलं भस्मभूषाधरं तम् ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे । शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥